e-SIM क्या है यह किस तरह काम करता है ?

Hello Friends Tech Gyan In Hindi में आपका स्वागत है मेरा नाम है गणेश कुमार इस Post में हम आपको e-SIM क्या है यह किस तरह काम करता है ? के बारे में बताएँगे

e-SIM क्या है यह किस तरह काम करता है

Friends जैसे-जैसे हम नयी नयी Technology की खोज करते जा रहे है वैसे वैसे हम Electronic Device को और छोटा करते जा रहे है जैसे कि आप सभी जानते है कि Computer का Size पहले इतना बड़ा था कि इसको 1 कमरे में रखना पड़ता था

जैसे जैसे Technology का अविष्कार Computer का Size समय के साथ और नयी Technology के छोटा होता चला गया और आज आप अपने Computer को एक Bag में रखकर कहीं भी जा सकते है जिस तरह नयी Technology ने हमारे Computer को छोटा किया है उसी तरह Technology की मदद ने हमने अपने Mobile Phone उसमे Use होने वाले Parts को भी छोटा कर लिया है

आजकल हम सभी एक नयी Technology के बारे बहुत सुन रहे है उसका नाम e-SIM है आज कल इस e-SIM Technology का बहुत बोलबाला है जिसे देखो वो इसी की बात कर रहा है इस e-SIM Technology का उपयोग Apple ने सबसे पहले अपने IPhone XS और XS Max Model में Use किया था लेकिन ये बस अमेरिका में रह रहे लोगों के लिए था

लेकिन आप सब ये सोच रहें होंगे की भारत में e-SIM का उपयोग कब किया जायेगा और कौन से Compny भारत में अपने Mobile में इस नयी Technology का Use करेगी आज और Post के जरिये हम आपको इसके बारे Deatil में बताने वाले है की e-SIM क्या है यह किस तरह काम करता है

e-SIM क्या है ?

e-SIM को आप embedded SIM भी कह सकते है लेकिन इससे Fulll Form (embedded Subscriber Identity Module ) है जब आपके Mobile में इस Technology का Use किया जाता है तो आपको अपने Mobile में किसी प्रकार की Physical Sim को Insert नहीं करना होता है

इस Technology को सही रूप से काम करने के लिए Network की जरुरत पड़ती है और इससे Network Provider के जरिये बाद में Enable किया जाता है इसलिए आपको इसे अपने Phone में Use करने के लिए एक Strong Network की जरुरत होती है

e-SIM किस तरह काम करता है ?

e-SIM एक Basiclly एक छोटे Chip की तरह काम करता है जो आपके Phone के भीतर NFC की तरह काम करता है e-SIM के ऊपर कुछ Information Print होती है जो Rewritable होती है e-SIM की ममद से आप अपने Operator को एक Phone Call से ही बदल सकते हो

e-SIM कब लांच किया गया ?

e-SIM (Embedded SIM) का पहला उपयोग सम्भावित रूप से 2010 के दशक में किया गया था। इसका प्रयोग SmartPhone,Tablet  और अन्य Smart Device में किया जाता है। यह स्थानों से बदलने के लिए समर्थ होता है और संबंधित सेवा प्रदाता के साथ संपर्क करने की ज़रूरत नहीं होती।

eSIM कैसे काम करता है ?

Friends अगर आपका Mobile Dual SIM को Support करता है और उससे एक e-SIM है और आपने अपने Mobile में दोनों को Insert कर रखा है तो ये दोनों Netwrk से Connect हो जाती है तो आपका Mobile फ़ोन एक ही समय में दोनों Network को Use करता है

अगर आपके Mobile में दोनों SIM का Option e-SIM है तो आप अपने दोनों SIM पर Call और Message को Receive कर सकता है अगर आप Default Line Choose करते है तो आप Calls, SMS, और FaceTime का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीँ दूसरा Line केवल SMS और Voice के लिए ही होता है

e-SIM के फायदे

eSIM (embedded SIM) एक प्रकार का SIM Carrd  है जो एक Physical Card होने के बजाय सीधे Device में Embed किया जाता है जिसे हटाया जा सकता है। eSIM के मुख्य लाभों में शामिल हैं

  1. Convenience :- eSIM Devices और Providers को Switch करते समय Physical रूप से SIM Card Swap करने की आवश्यकता को समाप्त कर देता है।
  2. Flexibility :- eSIM एक ही Device  पर कई Profiles को Collect करने की अनुमति देता है, जिससे विभिन्न Providers और Plans के बीच आसानी से Switch किया जा सकता है।
  3. Durability :- Physical SIM Card की तुलना में eSIM अधिक टिकाऊ होते हैं, क्योंकि Device में डालने और निकालने से उन्हें नुकसान होने की संभावना नहीं होती है।
  4. Remote provisioning :- eSIM को Remotely Provision किया जा सकता है और Over-The-Air Activated किया जा सकता है, जिससे Physical SIM Card Delivered करने की जरूरत खत्म हो जाती है।
  5. Cost-Effective :- Equipment Manufacturers और Operators के लिए, eSIM लागत प्रभावी हो सकते हैं क्योंकि यह Physical SIM Card के उत्पादन और Ship करने की आवश्यकता को समाप्त कर देता है।

e-SIM के नुक्सान

जबकि eSIM कई लाभ प्रदान करते हैं, विचार करने के लिए कुछ संभावित नुकसान भी हैं

  1. Limited Compatibility :- eSIM सभी Devices के साथ संगत नहीं हो सकता है, और सभी Providers द्वारा समर्थित नहीं हो सकता है।
  2. Limited Availability :- eSIM सभी क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं हो सकते हैं, और कुछ क्षेत्रों में सभी Providers द्वारा समर्थित नहीं हो सकते हैं।
  3. Limited Choice :- कुछ Providers eSIM की पेशकश नहीं कर सकते हैं, या उन्हें केवल Specific Equipment या Plans के लिए पेश कर सकते हैं।
  4. Cost :- Traditional SIM Card Slot के विपरीत, कुछ Device अधिक महंगे हो सकते हैं यदि उनमें eSIM शामिल है।
  5. Security Issues :-  eSIM Hacking और Cyber हमलों के अन्य रूपों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं, क्योंकि वे Internet से जुड़े होते हैं और दूरस्थ रूप से प्रावधान किए जा सकते हैं। सुरक्षा मुद्दों के जोखिम को कम करने के लिए प्रतिष्ठित और भरोसेमंद प्रदाताओं का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
  6. Support :- कुछ उपयोगकर्ताओं को eSIM के लिए समर्थन प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वे Traditional Sim Cards की तरह व्यापक रूप से अपनाए नहीं जाते हैं।

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Conclusion:-

हम उम्मीद करते है कि आपको e-SIM क्या है यह किस तरह काम करता है ? की जानकारी आपको पसंद आई होगी आप हमारे इस Post को अपने Friends और Social Media पर Share करके आप हमारा और हमारी Team का मनोबल बढ़ा सकते है इस Artical से Related अगर आपके मन में कोई सवाल है तो नीचे Comment Box में जरुर पूछें

Ganesh Kumar
Ganesh Kumarhttps://techgyaninhindi.com
Hello Friends मेरा नाम है गणेश कुमार मैं Tech Gyan In Hindi का Technical Author & Co -Founder हूँ मैं आगरा का रहने वाला हूँ मुझे नयी-नयी Technology के बारे में सीखना और दूसरों को सिखाना बहुत अच्छा लगता है आपसे हमारी विनती है कि आप इसी तरह हमारा और हमारी Team का साथ देते रहिये और हम आपको इसी तरह नयी-नयी जानकारी से अवगत कराते रहेंगे
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